धन वापसी के लिए साथ चलें

वर्तमान में टेक्नोलॉजी की अत्यधिक प्रासंगिकता है। इस से भारतीय राजनीति में जो बदलाव होंगे उसका हिस्सा बनना एक अद्भुत अनुभव होगा।

पिछले कुछ हफ्तों से हमने ‘धन वापसी’ के बारे में के बारे में काफी लंबी बातें की हैं; और यह भी कि क्यों हर परिवार को सार्वजनिक संपत्ति के हिस्से के रूप में हर साल एक लाख रुपये वापस दिए जाने चाहिए।

19 अक्टूबर को दशहरा पर हम ‘धन वापसी टेक प्लेटफॉर्म’ का लोकार्पण करेंगे- आपको राजनीतिक सत्ता वापस करने के लिए, जिससे हम एक साथ मिलकर ‘धन वापसी’ को संभव बना सकें। आज के लेख में एक बार फिर महत्वपूर्ण मुद्दों पर संक्षेप में एक नज़र डालना चाहूंगा, जिन पर पिछले दो महीनों में हमने चर्चा की है। साथ ही ‘धन वापसी’ लांच करने की प्रेरणा के बारे में भी बताऊंगा।

15 अगस्त को हमने ‘धन वापसी’ के आइडिया को और ‘धन वापसी याचिका’ को लोगों के सामने रखा था जिस पर अब तक हज़ारों लोग अपनी सहमति दर्शा चुके हैं।

इसके बाद हमने ‘धन वापसी’ विधेयक(बिल) का प्रारूप तैयार किया और उसे प्रधानमंत्री व लोकसभा तथा राज्यसभा के सभी सांसदों को भेज दिया है; इस आशा के साथ कि ‘धन वापसी विधेयक’ को संसद में पारित करने की प्रक्रिया वे शुरू कर देंगे।

लेकिन, अगर वे इस पर कार्यवाही नहीं करते हैं तो हमें लोक सभा के लिए अपने सांसद चुनने होंगे जो ‘धन वापसी विधेयक’ को पारित करवाएं। यह हो सकता है क्योंकि हम 70 करोड़ हैं- जो भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के मूल समर्थकों से 4 गुना अधिक की संख्या में हैं।

अपने पिछले लेख में मैंने लोक सभा के लिए अपने स्वतंत्र सांसद चुनने का तरीका बताया था। हमें किसी नई राजनीतिक पार्टी बनाने की जरूरत नहीं है; हमें बस एक नया टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म चाहिए।

‘धन वापसी’ को संभव बनाने के लिए हमें राजनीतिक पार्टियों को अप्रासंगिक करना होगा, जिसके लिए हमें एकजुट होकर अपनी आवाज़ उठानी होगी, … अपने वोट की ताकत दिखानी होगी।

आप लोगों में से कई लोगों ने लिख कर मुझसे पूछा है कि- ‘ऐसा करने का मेरा क्या मकसद है?’ मैं अपनी सफाई में यह कहना चाहता हूं कि ऐसा मैं अपने स्वार्थ के लिए कर रहा हूं।

मेरा स्वार्थ यह है कि मैं एक ऐसे भारत देश में रहना चाहता हूं जहां गरीबी, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार का नामो-निशान न हो।

मैं तो बस यही चाहता हूं कि मैं एक ऐसे भारत में रहूं जहां सभी को अपने सपने पूरे करने के, तरक्की करने के भरपूर मौके मिलें। मेरा यह स्वार्थ है कि मेरी आने वाली पीढ़ी को समृद्धि मिले जिसके वे अधिकारी हैं। मेरा यह सपना है कि मेरा कोई भी देशवासी पीछे न छूट जाए।

मुझे यकीन है कि यह आपके भी अपने हित में होगा कि आप स्वतंत्र और समृद्ध भारत में रहें। अगर आपको भी मेरी तरह इस बात पर गुस्सा आता है कि क्यों इन सियासतदानों ने हमें हमारी दौलत से महरूम रखा? तो आइए- हम सब मिलकर भारत को अपने और अपने बच्चों के लिए एक बेहतर देश बनाएं।

यदि आपको इस बात पर गुस्सा आता है कि आपकी और आपके परिवार की संपत्ति आपसे चुरा ली गई है… यदि आपको इस बात पर भी गुस्सा आता है कि राजनीतिक वर्ग आपके पैसे पर ऐशो-आराम की जिंदगी बसर करता है, अगर आपको इस बात पर गुस्सा आता है कि जिन पर आपने भरोसा किया उन्होंने ही आपको धोखा दिया- तो आप सब मेरे साथ आएं।

अगर आपको आज़ाद और अमीर बनना है तो समृद्धि के रास्ते पर मेरे साथ चलिए।

अगर आपने समृद्धि के मार्ग पर चलने का फैसला कर लिया है तो अपने आस-पास के लोगों को भी इसके लिए राजी करें और उन्हें भी इस मुहिम से जोड़ें। एक बार आपने इस रास्ते पर अपने कदम बढ़ा दिए तो हमें जीतने से कोई नहीं रोक सकता और हम भारतीयों को अमीर और आज़ाद होने से भी… !

…तो अगली बार कोई आपसे पूछता है,“विकल्प क्या है?” तो आप पूरे यकीन के साथ जवाब दे सकते हैं,“धन वापसी! धन वापसी और इसका टेक प्लेटफॉर्म ही हमारी इस तबाह पॉलिटिकल सिस्टम का विकल्प है।”

लोक सभा जीतो, धन वापसी करो।

मैं आप सभी को आमंत्रित करता हूं कि 19 अक्टूबर को दशहरा के शुभ अवसर पर ‘धन वापसी टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म’ के लोकोर्पण पर मुझसे अवश्य जुड़ें।

जय हिंद!